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Blog Article

के आगमन भारत के लिए मोहनदास करमचंद गांधी

सिंधु घाटी की सभ्यता को व्यापार के केंद्र के नाम से भी जाना जाता है।

मुहम्मद बिन तुगलक – इतिहास ने जिसे पागल घोषित कर दिया!

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हल्दीघाटी की लड़ाई (अकबर द्वारा महाराणा प्रताप की हार)

इतिहास को कितने काल खंडों में बांटा गया है? तीन प्राचीन काल मध्यकालीन काल

पाँचवी शताब्दी के पहले भाग में, website कुछ लोगो का समूह अफगानिस्तान में स्थापित हो गया था। वे कुछ समय बाद काफी शक्तिशाली बन चुके थे। उन्होंने बामियान को अपनी राजधानी बनाया था। इसके बाद उन्होंने भारत के उत्तरी-पश्चिम भाग पर आक्रमण करना भी शुरू कर दिया था। हूणों के उत्तर भारत में आने से मध्य एशिया और ईरान में पलायन देखा गया। गुप्त साम्राज्य के शासक स्कंदगुप्त ने उनका सामना कर उन्हें कुछ सालो तक तो अपने साम्राज्य से दूर रखा था। लेकिन अंततः हूँ को जीत हासिल हुई और फिर उन्होंने धीरे-धीरे शेष उत्तरी भारत पर भी आक्रमण करना शुरू किया। इसी के साथ गुप्त साम्राज्य का भी अंत हो गया था।

सिंधु घाटी सभ्यता के बारे में विस्तार से

वेद : ब्राह्मण साहित्य में सर्वाधिक प्राचीन व महत्त्वपूर्ण ग्रंथ ऋग्वेद है। इस ग्रंथ से प्राचीन आर्यों के धार्मिक सामाजिक एवं आर्थिक जीवन पर अधिक और राजनीतिक जीवन पर अपेक्षाकृत कम प्रकाश पड़ता है।

भारतीय इतिहास के साधन के रूप में बौद्ध साहित्य का विशेष महत्व है। सबसे प्राचीन बौद्ध साहित्य त्रिपिटक हैं। ‘पिटक‘ का शाब्दिक अर्थ ‘टोकरी’ है। त्रिपिटक तीन हैं- सुत्तपिटक, विनयपिटक और अभिधम्मपिटक। इन तीनों पिटकों का संकलन महात्मा बुद्ध के महापरिनिर्वाण के उपरांत आयोजित विभिन्न बौद्ध संगीतियों में किया गया। सुत्तपिटक में बद्धदेव के धार्मिक विचारों और वचनों का संग्रह है। विनयपिटक में बौद्ध संघ, भिक्षुओं तथा भिक्षुणियों के लिए आचरणीय नियमों का उल्लेख है और अभिधम्मपिटक में बौद्ध धर्म के दार्शनिक सिद्धांत हैं। त्रिपिटक से ईसा से पूर्व की शताब्दियों में भारत के सामाजिक व धार्मिक जीवन पर प्रकाश पड़ता है। दीर्घनिकाय में बुद्ध के जीवन से संबद्ध एवं उनके संपर्क में आये व्यक्तियों के विवरण हैं। संयुक्तनिकाय में छठी शताब्दी पूर्व के राजनीतिक, सामाजिक और आर्थिक जीवन की जानकारी मिलती है। अंगुत्तरनिकाय में सोलह महानपदों की सूची मिलती है। खुद्दकनिकाय लघुग्रंथों का संग्रह है जो छठी शताब्दी ई.

स्वामी दयानन्द द्वारा स्थापित आर्य समाज

शेर खान और मुगलों के बीच कन्नौज की लड़ाई

 – उत्तरी काले रंग के तराशे बर्तन (७००–२०० ई.पू.)

सर जॉन शोर ने गवर्नर-जनरल के रूप में कार्य किया

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